वैशाख का उधार हींग बेचने का एक यूनिक सदियों पुराना बिजनेस मॉडल

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हमारे देश में हरेक कमोडिटी के लिए एक यूनिक बिजनेस मॉडल है पिछले साल की बात है मैं मुरादाबाद जिले के देहात में घूम रहा था मैंने किसान अरेंद्र बर्गोटी जी के फ़ार्म जो बेलारी कसबे में है पर मैंने कैंप किया हुआ था।

वहां मेरी मुलाक़ात कृषि विभाग में कार्यरत श्रीमान मोहित जी से हुई उन्होंने मुझे हींग Ferula asafoetida के पारम्परिक बिजनेस मॉडल के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद और अन्य जिलों में सावन के बाद भादों के महीने में बहुत सारे लोग आते हैं।

जिनका इंतज़ार पहले से सभी लोग कर रहे होते हैं इनके पास शुद्ध हींग होती है। सभी घरों में वो उनकी जरूरत के हिसाब से एक दो तीन तौला हींग दे जाते हैं। हींग देते समय किसी से भी नकद पैसा नहीं लिया जाता है कोई यदि देना भी चाहे और लाख मनुहार करले तो भी कोई भी हींग वाला एक नया पैसा नहीं लेता है।

सभी हींग वालों ने परिवार बांटे हुए होते हैं और वो हींग बाँट कर चले जाते हैं छह महीने के बाद बैशाख के महीने में सभी लोग जिन्होंने हींग ली थी वो बड़ी बेसब्री से हींग वालों का इंतज़ार करते हैं। जब वो आते हैं तो वो अपना वैशाख का उधार चुकता करते हैं।

किसी भी हींग वाले का कोई पैसा नहीं मारा जाता है और सभी की बहुत इज्ज़त होती है और यह बैशाख का उधार का सिस्टम पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है।

पिछले साल मैंने जब यह पोस्ट फेसबुक में लिखी थी तो मेरे अजीज मित्र मुनीश शर्मा जी ने कहा था कमल जी राम राम ये मॉडल मेरा देखा हुआ है हमारे गांव में भी आते थे बैशाख की उधारी में हींग बेचने वाले ,पर उनके बारे में ज्यादा कोई जानकारी नहीं है।ये मॉडल आपने दोबारा याद दिला दिया , धन्यवाद।

अन्य साथियों और वरिष्ठ गुरुजनों की प्रतिक्रियाएं भी मैंने फेसबुक से सहेज ली हैं जो इस प्रकार हैं।

Mohit Gangwar
🙏🚩

Karan Singh
Super👌👌👌👌

Chandeshwar Tiwari
ले हींग बैशाख करारे, साथ में अब ताला भी देकर जाते हैं, लेकिन वे व्यापारी शहरी क्षेत्रों का रुख़ नहीं करते हैं।

Prem Mahiya
Lajawab👌

Rajendra Singh
बेहतरीन उदाहरण

Rabendra Sharma
This model of marketing is very old may be 200 yrs or so. India has 2 harvesting seasons namely baisakh n kartik months, baisakh used to be major one n kartik minor one. Indian farmers had cash only during thsese seasons from sale of farm produce, hence this system got in place.

Manbhavan Kahlon
क्या वह हमारी तरफ भी आ सकेंगे पंजाब में गुरदासपुर में।

Harender Singh Bainsla
Right