करोना जैसों की काट भारतीय संस्कृति

राम युग में दूध मिलेऔर कृष्ण युग में घीकोरोना युग में काढा मिलेडिस्टेंस बना कर पी जब दुनियाँ लेके बैठी हैबड़े-बड़े परमाणुपर ठोक गया उसे एकछोटा सा विषाणु कल रात सपने मेंआया कोरोनाउसे देख जो मैं डरा 😢और शुरू किया रोनातो, मुस्कुरा 😊 केवह बोला मुझसे डरो मतकितनी अच्छी हैतुम्हारी संस्कृति न चूमते, न गले लगातेदोनों हाथ जोड़करतुम राम राम करतेवही करो नामुझसे क्यों डरते ? कहाँ से सीखा तुमनेरूम स्प्रे, बॉडी स्प्रेपहले तो तुम धूप, दीपकपूर, अगरबत्ती जलातेवही करो नामुझसे बिल्कुल डरो ना शुरू से तुम्हेंसिखाया गयाअच्छे से हाथ-पैरधोकर घर में घुसोमत भूलोअपनी संस्कृतिवही करो नामुझसे बिल्कुल डरो ना …

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किसान कम्पनियों के मसले और समाधान

आज दिनांक 28 अगस्त 2019 को नीलोखेड़ी करनाल में स्थित एक्सटेंशन एजुकेशन इंस्टीटूट जिसे भारत सरकार का कृषि मंत्रालय हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मार्फ़त संचालित करता है में जम्मूकश्मीर, उत्तराखंड, और हरियाणा से आये हुए मिडल लेवल एक्सटेंशन फंकक्शनरीज के साथ चर्चा करने का अवसर मिला। विषय था एक्सटेंशन स्ट्रेटेजीस फ़ॉर लिंकिंग फार्मर्स विद एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़।प्रोग्रोवेर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड तरावड़ी करनाल के निदेशक भाई Vikas Chaudhary जी से निवेदन किया कि वे भी लेक्चर में बतौर फैकल्टी आएं और चर्चा में भाग लें। चर्चा का आगाज़ इस बात किया गया कि हमें फार्मर्स को एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जोड़ने …

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भारत में जातिवाद अंग्रेजों का बिछाया हुआ एक षड्यंत्र और उसकी काट

भारत के इतिहास मे कहीं भी देखा जाए जीवन को सही ढंग से उत्पादक वर्ग ने ही जिया है जिसका सबूत है वर्तमान में उनकी जनसंख्या। भारत में आज भी ब्राह्मण थोड़े से ही हैं और समाज ने इन्हें कमाने का अधिकार इनसे छीन लिया क्योंकि ऋषि जानते थे कि ज्ञान और धन दोनों मिलकर बन्दे को बंदा नही रहने देते राक्षस में बदल देते हैं उदहारण बिल गेट्स। दूसरे उन्होंने अपने अनुभव से यह जान लिया था कि ज्ञान का घमंड मनुष्य को पागल ना कर दे इसीलिए ज्ञानी पुरुषों के लिए भिक्षा अनिवार्य कर दी गयी और भिक्षा …

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दाल और मेहमान

एक बार की बात है एक आदमी अपणी घरआली तै बोल्या: आज मेरे दफ्तर के यार खाणा खाण आवेंगे कीमे आछ्या बणा लिए घरआली बोली: जी घर नै तो कीमे ना बच रहया बस दाल ए सै! आदमी बोल्या बस तू दाल ए बणा लिए और वे आवेंगे जद भीतर तै बर्तन नीचै पटके जाइए, मैं कहूँगा के होया तूकहिये खीर पड़गी, फेर कहिये हलवा पड़ग्या, नु करदे करदे सारी चीज गिणा दिए! फेर मैं कहूँगा के बच्या सै तू कहिये दाल बची सै,मैं कहूँगा वा ए लिया! उसकी घरआली बोली ठीक सै.मेहमान आए!! भीतर तै बर्तन गिरण की आवाज …

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शेरो शायरी कलेक्शन

हरियाणा कृषि विश्विधालय में मैं साल 1997 से लेकर मार्च 2000 तक बतौर डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी का छात्र रहा और साल 1998 में हमारे से जूनियर बैच में एक साथी आया महावीर डांगी। जो डॉ डैंग के नाम से हमारे आपसी जूनियर सीनियर भाई चारे में आगे चलकर मशहूर हुआ। महावीर की खासियत यह थी कि उसे सैंकड़ों हज़ारों शेर याद थे और किसी भी स्थिति पर वो शेर सुना सकता था। मैं हमेशा यह सोचता था कि कभी समय लगेगा तो मैं जीवन में एक शेरो शायरी का कलेक्शन बनाऊंगा। लेकिन चवन्नी अठन्नी की दौड़ में …

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ताई की गवाही आला मुकद्दमा

एक बार एक मुक्कदमे में ताई गवाह बना दी ! ताई जा के कटघरे में खड़ी हो गयी और बाई चांस दोनू वकील भी ताई के गाम के ही थे पहले वकील नै बात शुरू करण के मारी ताई तै पूछ्या “अक ताई तू मन्ने जाने है? ताई बोली “हाँ रै तू रामफूल का है ना तेरा बाबू तो भाई घणा सूधा आदमी था पर तू कत्ति निक्कमा लिकडया मन्ने सुण्या है तू नम्बर का झूठा है और झूठ बोल बोल कै तूं वकील बण कै लोग नै ठगे है आर निरे झूठे गवाह बना के तू केस जीते है …

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समाज-तकनीक-वर्तमान-भूतकाल और भविष्य

29 जुलाई 2019, ग्राम अन्जन्थली, करनाल, हरियाणा , भारत आज सुबह चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर 11 बजे युवा लेखक शिव्या जी से अप्पोइंटमेन्ट थी जो गोआ चंडीगढ़ फ्लाइट से आई थी। आने का मकसद किसान संचार द्वारा किसानों को दी जा रही मौसम आधारित सूचनाओं से उपजे प्रभाव का अध्यन करना और फिर एक लेख में लिपिबद्द करना। खैर सारे काम कूम खत्म करने के बाद मैडम शिव्या जी से उनकी शिक्षा दीक्षा के बारे में बात हुई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने सिंगापुर से पढ़ाई की है। सिंगापुर का नाम सुनकर क्यूरोसिटी के कीड़े ऐड़ी ठा कर खड़े होने निश्चित …

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स्थानीय ज्ञान की महत्ता और आधुनिक नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम

साल 2017 की बात है नौवीं शोधयात्रा के दौरान दोपहर के समय मैंने जम्मू के आउटस्कर्ट्स में एक मंदिर में शरण ली हुई थी और वहां पैदल यात्रा मध्यप्रदेश से भी आई हुई थी। बड़ा शोर शराबा था और मैं भयंकर थका हुआ। लगभग दो घंटे बाद सोकर उठा और महुँ पर पानी शानी मार कर नगरोटा की ओर बढ़ने का मूड बनाया तो देखा कि मध्य प्रदेश से आई यात्रा में दोपहर का लंगर पक रहा था मैंने गर्म तवे पर सिकती हुई रोटियो के बीच में पड़े ईंट के आधे टुकड़े ने मेरा ध्यान आकर्षित किया।लंगर टीम के …

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जल की बात

वैसे तो आज हम तकनीकों के संक्रमण काल की दहलीज पर खड़े हैं एक तरफ वो तरीके हैं जिनकी बदौलत हमारे पुरखे बड़ी सहजता से तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए खुद को जिन्दा रखे रहे। दूसरी तरफ वो तरीके हैं जो आज स्वपन सुंदरियां तीस सेकंड में आकर बता जाती हैं। फिर क्या करें ? इसीलिए विज्ञान और तकनीक की मदद से बीचवाला का बुद्ध का रास्ता (मध्यम मार्ग ) निकाला जाए तो ही बेहतर है। आज से दस वर्ष पूर्व R.O. की टेक्नोलॉजी एक दुर्लभ और दूर की कौड़ी होती थी जो कि सिर्फ बड़े बड़े दुबई के …

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ताऊ रामफल और स्वर्ग की चाह

एक बार की बात है के ताऊ रामफल का अच्छा ब्योंत हो गया और जब पैसे पूसे ठीक ठाक हो गए तो ताऊ रामफल ने अपने सारे शौक़ पूरे कर लिए डबल एम् ऐ की पढ़ाई से ले कर सारे महंगे सस्ते शौक़ आजमा लिए लेकिन दिल नहीं भरा फेर भी कसर रह गयी , एक दिन टी.वी. पर रामायण देखते देखते ताऊ ने सोच्या के अक अब भगवान् की प्राप्ति करणी चाहिए। किताब कुतूब पढ़ कै देखि लेकिन कोई तार कनेक्शन फ्यूज कुछ नहीं मिला राम के गाम का। एक दो महंतो के पास उठा बैठ करी तो वो …

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