राम की शक्ति पूजा

राम की शक्ति पूजा रवि हुआ अस्त; ज्योति के पत्र पर लिखा अमररह गया राम-रावण का अपराजेय समरआज का तीक्ष्ण शर-विधृत-क्षिप्रकर, वेग-प्रखर,शतशेलसम्वरणशील, नील नभगर्ज्जित-स्वर,प्रतिपल – परिवर्तित – व्यूह – भेद कौशल समूहराक्षस – विरुद्ध प्रत्यूह,-क्रुद्ध – कपि विषम हूह,विच्छुरित वह्नि – राजीवनयन – हतलक्ष्य – बाण,लोहितलोचन – रावण मदमोचन – महीयान,राघव-लाघव – रावण – वारण – गत – युग्म – प्रहर,उद्धत – लंकापति मर्दित – कपि – दल-बल – विस्तर,अनिमेष – राम-विश्वजिद्दिव्य – शर – भंग – भाव,विद्धांग-बद्ध – कोदण्ड – मुष्टि – खर – रुधिर – स्राव,रावण – प्रहार – दुर्वार – विकल वानर – दल – बल,मुर्छित – …

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