शेरनी का दूध

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शिक्षा कभी शेरनी का दूध हुआ करती थी। जब गुरुजनों से विद्या दान में मिला करती थी। जिसे पी कर जीव दहाड़ने लगता था लेकिन अब आजकल ये रींगता हुआ जमाना इस बात का गवाह है कि शिक्षा के नाम पे कुछ और ही महंगी पैकिंग में उपलब्ध कराया जा रहा है जिसे घप घप पीने वाले दिन रात झींगुरों की तरह अपनी अपनी जगह चिपके रींग रहे हैं। जिससे दिन दहाड़े भरी दोपहर में वातावरण में एक अनजान भय चारों और फैल रहा है। हर कोई डरा घूम रहा।