महाबली संतलाल शर्मा जी से भेंटवार्ता
हम पिंड बड़ौना पहुंचे और हम गाडी खड़ी करके हम एक कंपाउंड में पहुंचे जहाँ लकड़ी चीरने का एक आरा लगा था। कच्ची और चिरी चिराई लकड़ियों के ढेर लगे थे और थोड़ा आगे चलकर हमारा जोशीली आवाज से खैरमकदम हुआ। सामने महबली संतलाल शर्मा जी खड़े थे जिनके चेहरे पर अद्भुत नूर था और वाणी में ओज और मिठास इतना था कि माहौल पूरी तरह से ऊर्जा से भरा था। मैंने आगे बढ़ कर संत लाल जी से हाथ मिलाया और हम दोनों वहां जा कर बैठ गए। ग्वाला सरकार को वहां जैसे ही चारपाई और चलता हुआ पंखा …