पंडित जी का मुहूर्त और आज के दौर में महत्व
आजकल बात बात पर ब्राह्मणों / पण्डितों को कोसना बेहद आनंददायक और फेवरेट कार्य है। कई बार मुझे पढ़ने को मिलता है कि हम तो कोई मुहूर्त महारात नही निकलवाते किसी पंडित वण्डित से। सब पाखण्ड ही तो होता है। सब बकवास है। पिछड़ेपन का इंडिक्टर ही तो है पंडित से मुहूर्त पूछना। आज हम सभी एक नए दौर में जी रहे हैं जहां फैमिली के नाम पर बस मां बाप और एक आधा बालक या बालिका होते हैं। समय देखने के अनेकों ऑप्शंस हैं और तेजी से आने जाने के भी भतेरे साधन है। ना परचेज पॉवर की कमी …