गूगल लेंस और जीवन संगिनी की होशियारी ने लुटने से बचाये मेरे सत्तर हज़ार रुपये।
आज तडके तड़क मैं दफ्तर की तैयारियों में जुटा था तो फेसबुक मेसेंजर पर मेरे परम आदरणीय सीनियर साथी अश्वनी कुमार गर्ग जी का मुंबई से मैसेज पिंग हुआ और उन्होंने मेरा नम्बर मांगने के साथ साथ चैट में मुझे कहा कि उनके कोई CRPF के मित्र हैं जो ट्रांसफर हो रहे हैं और उनका फर्नीचर का समान है जिसे वो तत्काल बेचना चाहते हैं वो आपको काल करेंगे। मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास तो समान पूरा है घर में मैं उनकी मदद कर दूंगा। उन्होंने OK कह कर चैट बंद कर दी। मैं जा कर दफ्तर में गड़ …