चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व कैसा होता है

सनातन संस्कृति के साहित्य में चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व का जिक्र आता है। भगवान श्रीकृष्ण को चौंसठ कला सम्पूर्ण व्यक्तित्व माना जाता है। लेकिन हमें यह कहीं नहीं बताया पढ़ाया जाता है कि वो चौंसठ कलाएं कौन सी हैं। मैंने साहित्य में थोड़ी शोध करके चौंसठ कलाओं कि सूची निकाली है जिसे आपकी जानकारी हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। 1:- इतिहास 2:- आगम 3:- काव्य 4:- अलंकार 5:- नाटक 6:- गायकत्व 7:- कवित्व 8:- कामशास्त्र 9:- दुरोदर (द्यूत) 10:- देशभाषालिपिज्ञान 11:- लिपिकर्प 12:- वाचन 13:- गणक 14:- व्यवहार 15:- स्वरशास्त्र 16:- शाकुन 17:- सामुद्रिक 18:- रत्नशास्त्र 19:- गज-अश्व-रथकौशल 20:- …

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वैशाख का उधार हींग बेचने का एक यूनिक सदियों पुराना बिजनेस मॉडल

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हमारे देश में हरेक कमोडिटी के लिए एक यूनिक बिजनेस मॉडल है पिछले साल की बात है। मैं मुरादाबाद जिले के देहात में घूम रहा था। मैंने किसान अरेंद्र बर्गोटी जी के फ़ार्म जो बेलारी कसबे में है पर मैंने कैंप किया हुआ था। वहां मेरी मुलाक़ात कृषि विभाग में कार्यरत श्रीमान मोहित जी से हुई उन्होंने मुझे हींग Ferula asafoetida के पारम्परिक बिजनेस मॉडल के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद और अन्य जिलों में सावन के बाद भादों के महीने में बहुत सारे लोग आते हैं। जिनका इंतज़ार पहले से सभी लोग कर रहे होते हैं इनके …

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तड़का सूत्र

आज एक नये मित्र रत्न कि प्राप्ति हुई नाम है संदीप कुमार जी जो मनीमाजरा चंडीगढ़ स्थित कैनरा बैंक के रीजनल ऑफिस में डिविजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। आज हम दोनों की अपने अपने कार्यालय की तरफ से हरियाणा सरकार के एक बड़े अधिकारी को यमुनानगर में सहगल बेकर्स के सीईओ श्रीमान विकास सहगल जी से तकनीकी वार्तालाप हेतु असिस्ट करना था और आज सुबह साढ़े आठ बजे से शाम छह बजे तक साथ रह कर एक दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर मिला। संदीप जी मूलत: बरनाला के रहने वाले हैं और साल 2006 से कैनरा …

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डॉ नरेश बैंसला ने अपनी वैज्ञानिक समझ से सनातन संस्कृति के पौराणिक संदर्भों को समझाया

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यह सवाल अक्सर हमारे मनों में गूंजता रहता है कि हमारी संस्कृति में दुर्गा माता को आदिशक्ति के रूप में कैसे माना जाता है? आज किसान संचार कार्यालय में नयी दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसन्धान संसथान के प्लांट ब्रीडिंग एंड जेनेटिक्स विभाग में कार्यरत सीनियर साइंटिस्ट डॉ नरेश बैंसला जी पधारे थे और उन्होंने चर्चा में आज बहुत सारी रोचक और वैज्ञानिक जानकारियों का खुलासा किया जो मेरे लिए तो बेहद नयी और मन में रौशनी भरने वाली थी। कुछेक बातें मुझे ऐसी लगी कि इसे भाईचारे के साथ सांझा किया जाये। महिलाओं को देवता भी नहीं समझ सकते हैं …

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किसान संचार कैसे काम करता है ?

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अक्सर मेरे से यह सवाल पूछा जाता है कि किसान संचार कैसे काम करता है? मुझे इस सवाल का जवाब देने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के चैनल पर एक पुराना विडियो मौजूद है जिसे अनेक वर्ष पूर्व शायद 2018 में गाँव कनेक्शन के मुख्य रिपोर्टर अरविन्द शुक्ला जी ने किसान संचार कार्यालय जीरकपुर में शूट किया था और मैंने इस सवाल का जवाब तैयार रखने के लिए इसे अपने ब्लॉग पर जोड़ दिया है। दर असल मैं उस दिन अरविन्द भाई ने घेर लिया था और बस पता …

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सत्संग मोड्डा एंड रोहतकी

एक बार की बात है एक रोहतकी किसी के बहकावे में आ कर सत्संग टाइप प्रोग्राम में चला गया और उस दिन मौसम ठीक था और भाई कहीं से पार्टी शार्टी करके आया था। इधर भाई का मूड जरा चसा हुआ था और इधर मोड्डे ने अपनी स्वर लहरियों और लाईटों शाईटों से पूरा माहौल बना के सतसंग सुनाने लग रहा था अचानक मोड्डा अपनी जनरल रूटीन में बोल्या अक दारु शराब पीने वाले सब के सब बिना गिने और बिना रुके सीधे नरक में जायेंगे। ऐसा सुन कर कई लोग सकते में आ गए लेकिन रोहतकी ने और हाथ …

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मकड़ी की समझदारी

जंगली मकडी में मेरा कभी कोई ख़ास वास्ता नहीं रहा है क्यूंकि शहरों में ही पला बढ़ा हूँ हमारे घरों में वो लम्बी पतली टांगों वाली मकड़ियां हुआ करती थी जिनके जाले उतारने के लिए हमारे घरों में एक लम्बा पतला बांस का डंडा हुआ करता था और साल में एक दो बार जाले उतारने का अभियान मेरे कौतुहल का विषय हुआ करता था। जीरकपुर में रहने के दौरान मकड़ी कि समझदारी से मेरा परिचय हुआ। बात सन 2017 की है और डेली रूटीन के हिसाब से हररोज सुबह नींद साढ़े सात बजे ही खुला करती थी। अपने आप नहीं, …

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पंडित जी का मुहूर्त और आज के दौर में महत्व

आजकल बात बात पर ब्राह्मणों / पण्डितों को कोसना बेहद आनंददायक और फेवरेट कार्य है। कई बार मुझे पढ़ने को मिलता है कि हम तो कोई मुहूर्त महारात नही निकलवाते किसी पंडित वण्डित से। सब पाखण्ड ही तो होता है। सब बकवास है। पिछड़ेपन का इंडिक्टर ही तो है पंडित से मुहूर्त पूछना। आज हम सभी एक नए दौर में जी रहे हैं जहां फैमिली के नाम पर बस मां बाप और एक आधा बालक या बालिका होते हैं। समय देखने के अनेकों ऑप्शंस हैं और तेजी से आने जाने के भी भतेरे साधन है। ना परचेज पॉवर की कमी …

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क्राइसिस मैनेजमेंट की निन्जा तकनीक

वैसे तो क्राइसिस मैनेजमेंट का कोई कोर्स या पाठ्यक्रम नहीं होता है यह सभी को जीवन में अपने अनुभवों से सीखना पड़ता है। मैंने यह तकनीक पठानिया अंकल और आंटी जी से सीखी थी। यह साल 2004 था जब मेरे छोटे भाई दिनेश ने दिल्ली में इंद्रलोक मेट्रोस्टेशन के नज़दीक एक दम वाकिंग डिस्टेंस पर एक रूम किराए पर ले रखा था जो फर्स्ट फ्लोर पर था। मकान मालकिन पठानकोट के पठानिया थे और आंटी घर की ऑफिसर इन कमांड थी और ग्राउंड फ्लोर पर पठानिया परिवार रहता था और ऊपर दो तीन कमरों में करियर बनाने की फिराक में …

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सेवानिवृत प्रोफेसर एस पी गोयल जी ने दूर दराज इलाकों के छात्र छात्राओं के लिए खोली नयी राह

dr. s.p.goyal, professor (retd) ccs haryana agricultural university hisar

इस वीडियो लिंक में जो वक्ता हैं वे प्रोफेसर एस.पी.गोयल जी हैं। जो चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय से सेवानिवृत हुए हैं और विश्वविधालय की रेगुलर सर्विस को छोड़ने के बाद ही इन्होंने अपने जीवन में एक बड़ा लक्ष्य तय किया कि विश्वविधालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बड़े कैरियर की ओर प्रयास करने के लिए उनके हाथ मजबूत करूँगा। यह सोच कर इन्होंने एक व्हाट्स एप ग्रुप बना कर उसमें हर रोज दो अखबार दी हिंदू और इंडियन एक्स्प्रेस को पढ़ कर उसमें से महत्वपूर्ण विश्लेषण और सवाल जवाब बनाने शुरू किये। दो सालों में धीरे धीरे …

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