कहाँ से आये ब्राह्मण और सब क्यों उनके पीछे पड़े हैं?

हरि गुप्ता ब्राह्मण ने समाज नहीं बनाया। समाज ने ब्राह्मण बनाया। भारत में किसी साजिश के तहत ये बात स्थापित की गयी है कि ब्राह्मणों ने अपने मुताबिक समाज बनाया और उसके शिखर पर जाकर बैठ गया। ये असत्य और अन्यायपूर्ण कथन है। वास्तविकता ये है कि समाज ने ब्राह्मण बनाया। समाज ने एक संरचना विकसित की जिसमें धर्म को शिखर पर रखा। कला, विद्या और धर्म इन तीनों का सम्यक बंटवारा है भारतीय समाज। कला का अर्थ है हर प्रकार की कला। निर्माण, उद्योग और उत्पादन ये सब कला का अंग हैं। विद्या का अर्थ है परंपरा में संरक्षित …

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जहां अकबर पैदा हुआ और राणा रतन सिंह को फांसी हुई

राजीव पुरोहित मुग़ल जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का नाम आते ही दिमाग़ में मुगलिया सल्तनत, दीन-ए-इलाही और बीरबल तानसेन मानसिंघ टोडरमल महाराणा परताप के नाम याद आते है ।अगर ये सवाल किया जाए कि अकबर बादशाह का जन्म कहां हुआ था तो कई लोग गूगल पर इसका जवाब तलाशेंगे। अकबर का जन्म उमरकोट में हुआ था।हुमायूं बिहार के अफ़ग़ान गवर्नर शेर ख़ान से लड़ाई हारने के बाद उमरकोट में रहने लगे थे , उस समय उस बेवतन बादशाह के साथ सिर्फ कुछ सवार और उनकी जीवन साथी हमीदा बानो थीं तब उमरकोट के राजपूत शासक परमार ( राणा ) ने हुमायु …

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डॉ अख्लाक्ष प्रताप सिंह एक बेहतरीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले इंसान

दो दशकों में बहुत कुछ बेशक़ बदल जाता है। बस नही बदलता तो वो है सीनियर्स और जूनियर्स का बेशुमार प्यार और रिगार्ड और सीखने जानने बताने कहने सुनने की बेशुमार चाहत। डॉ अख्लाक्ष प्रताप सिंह जी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में हमारे से इमिजेट सीनियर बैच में थे और मेरी पिछली मुलाक़ात इनसे साल 2000 में बस ऐसे ही चलते फिरते हुई थी। डॉ साहब उस जमाने मे भी बायोकेमिस्ट्री के ठीक ठाक विद्वान हुआ करते थे और इनकी विद्वत्ता इन बीते दो दशकों में कितनी गहराई होगी आप उसका ठीक ठाक अंदाजा लगा ही सकते हैं। फ़ूड केमिस्ट्री, ह्यूमन …

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उपवास का महत्वऔर प्लेसिबो की खोज

डॉक्टर रसेल ट्रॉल यह पहले अमेरिकन एलोपैथिक डॉक्टर थे। सरकारी डॉक्टर होने के नाते वो गांव गांव जाकर बीमार लोगों को दवाइयां देते थे। एक दिन उन्होंने देखा कि एक महिला बहुत ही गंभीर बीमार है। उन्होंने चेक किया और उनके घर वालों को बताया कि वो महिला 1 हफ्ते से ज्यादा दिन जीवित नहीं रह सकेगी, इसलिए उन्होंने उसे कोई भी दवा नहीं दी। उसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया। 15 दिन के बाद डॉक्टर ट्रॉल फिर उसी गांव में विजिट देने गए।तब उन्होंने देखा कि जो महिला 1 हफ्ते के भीतर मरनेवाली थी वो तो जीवित है …

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हमारे कौरव पाण्डव और हमारा महाभारत

जयवीर रावत शास्त्र कहते हैं कि अठारह दिनों के महाभारत युद्ध में उस समय की पुरुष जनसंख्या का 80% सफाया हो गया था। युद्ध के अंत में, संजय कुरुक्षेत्र के उस स्थान पर गए जहां संसार का सबसे महानतम युद्ध हुआ था। उसने इधर-उधर देखा और सोचने लगा कि क्या वास्तव में यहीं युद्ध हुआ था? यदि यहां युद्ध हुआ था तो जहां वो खड़ा है, वहां की जमीन रक्त से सराबोर होनी चाहिए। क्या वो आज उसी जगह पर खड़ा है जहां महान पांडव और कृष्ण खड़े थे? तभी एक वृद्ध व्यक्ति ने वहां आकर धीमे और शांत स्वर …

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जेंथिप, भामती और भारती के बहाने

कुमारी वंदना सुकरात के बारे में प्रचलित है कि उनकी पत्नी बहुत कर्कशा थी। एक बार जब उसने भोजन करने के लिए सुकरात को आवाज दी, सुकरात अपने शिष्यों से चर्चा में मगन थे। जब बारबार आवाज देने पर भी वे नहीं गए तो सुकरात की पत्नी ने आकर उन पर पानी उड़ेल दिया (पानी की जगह कहीं कहीं चाय और कहीं कहीं कीचड़ का भी उल्लेख मिलता है)। सब दंग रह गए तो सुकरात ने कहा – मेरी पत्नी कितनी करुणामयी है, गर्मी से राहत देने मुझपर पानी उड़ेल गयी। वैसे तो इस कथा में सुकरात के सहिष्णु पक्ष …

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आर.टी.आई. लिखने का तरीका

हीर चंद्र ठाकुर ये कानून हमारे देश मे 2005 मे लागू हुआ था जिस का उपयोग कर के आप सरकार और किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है, आम तौर पर लोगो को इतना ही पता होता है परंतु आज मैं आप को इस के बारे मे कुछ ओर रोचक जानकारी देता हूँ। आर.टी.आई. से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछ कर सूचना ले सकते है आर.टी.आई. से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है, आर.टी.आई. से आप दस्तावेज़ या डॉक्यूमेंट की प्रमाणित कॉपी ले सकते है, आरटीआई से आप सरकारी काम काज मे …

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श्राद्ध करने की सहज विधि

कृष्ण भागवत किंकर पितृपक्ष, महालय या पार्वण पक्ष या श्राद्ध पक्ष 20 सितम्बर से आरम्भ होने वाला है। अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित करते हुए उन्हें धन्यवाद पूर्वक स्मरण करने के साथ जीवन में शांति , सुख, समृद्धि, वृद्धि, निर्विघ्नता आदि के लिए श्राद्ध, पितृ तर्पण,पिण्डदान, गोदान, आदि करने का विधान सनातनी परम्परा है। लुटेरे-आक्रान्ताओं के आक्रमणों से उत्पन्न हजार वर्षों की अव्यवस्था के कारण अधिकांश सनातनी हिंदुओं में श्राद्ध के ठीक-ठीक विधानों की जानकारी न्यूनतम है साथ में प्रायः लोकाचार, क्षेत्रीय कर्मकांडों में उलझी हुई जटिल प्रक्रिया शेष है या प्रपंच की शिकार मात्र है। ऐसे में ठीक-ठाक …

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आप मैं हम और देश की आर्थिकी

देश मे एक संविधान है और हज़ारों कानून हैं जो यह सोच कर और मान कर घड़े लिखे गए हैं कि अथॉरिटीज तो देवता हैं और आम जनता चोर है डाकू है। ऑथोरिटी कदे भी गलत काम नही करती और कर सकती। देश ने एक कम्पनी बनती है जो बनते ही इनकम टैक्स कानून, GST कानून और कंपनीज एक्ट के तहत देश के संविधान के दायरे में काम करने लगती है। कम्पनी के लिए सरकार ने एक Statutary ऑडिटर का प्रावधान किया हुआ है जिसे कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स लगा तो अपनी मर्जी से सकते हैं लेकिन हटा नही …

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कृषि हेतु देसी पेटेंट नुस्खे

कुंवर रविन्द्र राणा गोमूत्र : गोमूत्र में कीटों को भगाने एवं पौध बढवार (टॉनिक) के रूप में कार्य करने की शक्ति है। एक स्प्रे पंप में 250 मिली लीटर गोमूत्र प्रति 16 लीटर पानी में डालें | (कददू वर्गीय फसलों में 150 मिली लीटर गोमूत्र प्रति 16 लीटर पानी में डालें। मटका खाद : एक मटका खाद को 300 लीटर पानी में अच्छे से घोलकर इस विलयन को पौधे के पास जमीन पर देने से अच्छे परिणाम मिलते है (1 से 2 मटका प्रति एकड़) यदि इसी विलयन को सूती कपडे से छानकर फसलों पर छिड़कते है तो अधिक फूल …

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