
02 अगस्त 1953 को कृषक क्रांति का जाज्वल्यमान नक्षत्र धूमकेतु की तरह अपनी छटा बिखेर कर विलखते हजारो संगी साथियों और अनुयायियों को छोड़ इस नश्वर संसार को अलविदा कह गया।
महान् स्वतंत्रता सेनानी किसान केसरी बलदेवराम जी
महान् स्वतंत्रता सेनानी किसान केसरी बलदेवराम जी मिर्धा ने मारवाड़ रियासत में पुलिस विभाग के डीआइजी पद से स्तीफा देकर किसान कौम के लिए उनके द्वारा किए गए अनुपम महान कार्यो को बताना इस समय समयोचित होगा
- शिक्षा प्रसार के लिए 1925 में पुष्कर में अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा के सम्मलेन का आयोजन।
- 1927 बसंत पंचमी के दिन किसानो के बच्चो के लिए आवासीय किसान छात्रावासों का शुभारंभ।
- सैटलमेंट एक्ट के तहत किसानो को कृषि भूमि का मालिकाना हक दिलाना।
- लाग-बाग, बैठ-बेगार, ऊँच-नीच जैसी कुप्रथाओ का उन्मूलन कराने में सक्रीय योगदान।
- किसान सभा की स्थापना।
- कृषक समाज में आजाद भारत का स्वाभिमान व जोश पैदा करना, जागीरदारी प्रथा को ख़त्म कराने में मुख्य योगदान।
- देश की रक्षा करने वाले फोजी जवानो को सहयोग।
- किसानो समुदाय में शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु गांव गांव – ढाणी ढाणी जाकर बच्चो को शिक्षा दिलाने के लिए प्रयास किया तथा अनेक किसान छात्रावासों का निर्माण करवाया ।
युवा पीढ़ी ऐसे महान युगपुरुष द्वारा बताये गए रास्तो का अनुकरण करे, जिस कृषक क्रांति का बीजारोपण वे करके गये उसे पुष्पित एव पल्लवित करने की दिशा में कार्य कर महान आत्मा को सच्चे श्रद्धासुमन अर्पित करे।
मारवाड़ मे सामाजिक, शैक्षिक और राजनैतिक क्रांति के जनक, महान् स्वतंत्रता सेनानी, किसान केसरी श्री बलदेवराम जी मिर्धा की पुण्यतिथि पर श्रद्धान्वत शत्-शत् नमन् ।