जोडी सलामत रहे

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एक बार की बात थी कि एक खपीटर मन्दिर चला गया और वहाँ बाहर चबूतरे पर एक बाबा टाइप आदमी बैठा था और उसने देखा खपीटर पहली बार इधर आया है तो उसने उसकी ओर देख कर कहा बच्चा भूख लगी है कुछ दान पुणय करले

भगवान तेरी जोड़ी सलामत रखेगा।

दान पुन तक तो ठीक थी लेकिन जोड़ी वाली बात सुनते ही उसके कालजे में ढीमरा फूट गया और भूंडी शकल बनाकर बिरडाते हुए बोला रै बाबा कैसी जोड़ी मैं तो अभी तक बिन ब्याहा ही डोला फिर रहा हूँ।

बाबा भी बहुत अनुभवी था और अपनी बात को सम्भालते हुए बोला रै बावली बूच तू के सोच गया मैं तो तेरी चप्पलों की जोड़ी सलामत रहने का आशीर्वाद देन लाग रह्या हूँ।

यहाँ जूता चप्पल चोर तो कोई बढ़िया सेट आ जाए छोड़ते ही नहीं आधे भक्त नंगे पां उल्टे घराँ ने वापिस जावें है।

खपीटर की समझ में बात आ गयी और वहीं बाबा के चबूतरे पर दस रुपये टिका कर मँदिर में दर्शन करने चला गया और बार बार जोड़ी वाले आशीर्वाद बाबत सोचता रहा।

तो भाई नये साल में जिसके धोरे जैसी भी जोड़ी है भगवान् उसने सलामत रखे और नये साल में आपके सारे सपने पूरे हों।