बात जरा पुरानी है
मेरे मित्र संदीप जी निवासी ग्राम डोभ जिला रोहतक के दादा जी उन्हें हर रोज़ बैठक में अख़बार देकर बैठा देते थे और अख़बार पढ़कर सुनाने को कहते।
उसी बैठक में कई बुजुर्ग हुक्का पीते पीते अख़बार सुनते और यह प्रोग्राम हर रोज़ दोपहर में तीन बजे के आस पास चला करता था।
एक दिन की बात है संदीप जी ने ख़बर पढ़ी के अमुक स्थान पर दुर्घटना घटी और इतने लोग घायल हुए।
दादा जी ने टोका क्या घटी? संदीप जी ने कहा दुर्घटना, दादा जी ने फिर पूछा के घटी?
संदीप जी ने कहा दादा एक्सीडेंट हो गया
दादा जी ने दैड़ मारया और बोले हिंदी में नही बोल सके था एक्सीडेंट हो गया, अंग्रेजी काटे है बेरा नही के घट गई।
संदीप जी के पास डोगा पुलिस के सामने नतमस्तक होकर अपना फर्ज निभाने के सिवा दूसरा कोई ऑप्शन ही नही था।
ऐसे महान बुजुर्गों के सन्मुख नतमस्तक होते हुए भाईचारा नेटवर्क के सभी सदस्यों को हिंदी दिवस की विशेषम विशेष बधाईयां।