आज तडके तड़क मैं दफ्तर की तैयारियों में जुटा था तो फेसबुक मेसेंजर पर मेरे परम आदरणीय सीनियर साथी अश्वनी कुमार गर्ग जी का मुंबई से मैसेज पिंग हुआ और उन्होंने मेरा नम्बर मांगने के साथ साथ चैट में मुझे कहा कि उनके कोई CRPF के मित्र हैं जो ट्रांसफर हो रहे हैं और उनका फर्नीचर का समान है जिसे वो तत्काल बेचना चाहते हैं वो आपको काल करेंगे।

मैंने उन्हें बताया कि मेरे पास तो समान पूरा है घर में मैं उनकी मदद कर दूंगा। उन्होंने OK कह कर चैट बंद कर दी।
मैं जा कर दफ्तर में गड़ गया और लगा कीबोर्ड छेतने और एक घंटे के बाद मेरे फोन पर अनजान नम्बर से कॉल आई और उधर से बंदा बोला कि मैं आशीष कुमार CRPF ऑफिसर बोल रहा हूँ मैंने आपको समान के फोटोज भेजे हैं क्या आपने देख लिए।
मैंने कहा जनाब मैं अभी देखता हूँ और उसने कॉल काट दी।
मैंने व्हाट्स एप खोला तो उसमें एक बढ़िया सोफा सेट, एक लैप टॉप, एक डबल बेड, एक फुल्ली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन, एक स्प्लिट एयर कंडिशनेर और एक साईन वेव इन्वर्टर था और अंत में लिखा था सभी की कीमत कुल सत्तर हज़ार मात्र।

लैप टॉप पर मेरा दिल आ गया और मैं दौड़ा दौड़ा श्रीमती जी के दरबार में पहुंचा और एक ही सांस में मुंबई से लेकर सत्तर हज़ार तक की कहानी सुना डाली और मोबाइल मे आये फोटो दिखा डाले।
मुझे दिव्या ने कहा कि उस अधिकारी को फोन करो कि हम समान देखना चाहते है मैंने तुरंत फोन मिलाया और देखने की इच्छा जाहिर की तो उधर से मैसेज आया कि समान पैक कर दिया हुआ है और CRPF के ट्रक से हम घर तक छोड़ जायेंगे।
मुझे दिव्या ने इशारा किया कि फोन काट दो और मैंने तुरंत फोन काटा और मुझे कहा कि वो सोफे वाली फोटो दिखाओ और जैसे ही मैंने अपने फोन में फोटो खोली तो दिव्या ने अपने फोन के गूगल लेंस से फोटो क्लिक की और सर्च में लगा दी और अगले एक सेकंड में गूगल ने उस फोटो को अलीबाबा की साईट पर दिखाया तो मेरे कान खड़े हुए।
फिर मैंने वो सारी फ़ोटो गूगल लेंस से सर्च की तो कोई इंडिया मार्ट से मिली और कोई OLX से।
मेरे दोनों कान पूरी तरह से खड़े हो गए और मैंने अश्वनी कुमार गर्ग जी जो मुंबई में थे को फोन लगाया तो उनकी हेलो करने के अंदाज से समझ गया कि उन्हें माजरे का कुछ भी भान नहीं है।
मैंने नमस्ते कुशलक्षेम आदि पूछने के बाद इस घटनाक्रम के बारे में बताया तो वो बहुत चौंके और कहा कि मुझे डिटेल भेजो मैं इनका काम बांधता हूँ।
मैंने फिर अपना देसी इंटेलिजेंस नेटवर्क खंगाला तो CRPF ऑफिसर का नम्बर ओडिशा का जियो कंपनी का निकला।
तब तक CRPF ऑफिसर का कॉल आ गया और मैंने उसे कहा जनाब आपको तो ओडिशा पुलिस ढूंढ रही है इतना सुनते ही फोन काट गया।
फिर मैंने उसे व्हाट्स एप पर भी लिख दिया उसके बाद नम्बर अनरीचएअबल हो गया और मैंने बड़ी राहत कि सांस ली कि आज तो मैं बस लुटते लुटते बच गया। थैंक्स टू गूगल लेंस एंड दिव्या।