डॉ अख्लाक्ष प्रताप सिंह एक बेहतरीन वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले इंसान

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dr akhlaksh pratap singh kamal jeet
सनातन धर्म कालेज सेक्टर 32 चंडीगढ़ में डॉ अख्लाक्ष प्रताप सिंह जी के साथ 09/09/2021

दो दशकों में बहुत कुछ बेशक़ बदल जाता है। बस नही बदलता तो वो है सीनियर्स और जूनियर्स का बेशुमार प्यार और रिगार्ड और सीखने जानने बताने कहने सुनने की बेशुमार चाहत।

डॉ अख्लाक्ष प्रताप सिंह जी हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में हमारे से इमिजेट सीनियर बैच में थे और मेरी पिछली मुलाक़ात इनसे साल 2000 में बस ऐसे ही चलते फिरते हुई थी।

डॉ साहब उस जमाने मे भी बायोकेमिस्ट्री के ठीक ठाक विद्वान हुआ करते थे और इनकी विद्वत्ता इन बीते दो दशकों में कितनी गहराई होगी आप उसका ठीक ठाक अंदाजा लगा ही सकते हैं।

फ़ूड केमिस्ट्री, ह्यूमन जेनोम, राइस जेनोम और तमाम आधुनिक तकनीकें और यंत्र इनपर डॉ साहब की सिद्धस्तता इनसे बात करके महसूस होती है।

आज दो दशकों के बाद हुई मुलाक़ात में एक पल के लिए भी ऐसा नही लगा के बीस बरस के बाद मिल रहे हैं डॉ साहब में आज भी वही बड़प्पन मौजूद था। हालांकि बायोकेमिस्ट्री में मेरी जिज्ञासा तो पहले जैसी ही है लेकिन ब्यौन्त भी पहले की तरह ही ढीला है लेकिन शुक्र है कि सयाने सीनियर्स हर जगह बताने समझाने के लिए परमात्मा ने दिए हुए हैं।

डॉ साहब चण्डीगढ़ स्थित सनातन धर्म कॉलेज जो एस.डी. कालेज के नाम से मशहूर हैं में बायोकेमिस्ट्री विषय पढ़ाते हैं।

प्रयोगशाला के यंत्रों के बारे में जब मैने डॉ साहब से पूछा तो उन्होंने कहा अपने पास हरेक तरह है यंत्र और उसे चलाने की दक्षता मौजूद है।

मेरे मसले तो खाद्य और कृषि से जुड़े रहते है, सवाल भी अनगिनत उमड़ते घुमड़ते रहते हैं लेकिन आज डॉ साहब से पुनः मुलाक़ात करने के बाद मुझे यही लगा कि कमी मेरे ही प्रयासों में रह जाती है हमेशा।

क्योंकि एक दशक तो मुझे भी इस शहर में होने को आया है बस राह ही आज बंधी।