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चोकर के लड्डू पंजाब की पारंपरिक रेसिपी

आज दिन भर लुधियाना जिले के खन्ना क्षेत्र की ख़ाक छान कर जब वापिसी घर की राह पकड़ी तो राजपुरा राडार पर हम पकड़े गए और एक नई इनोवेशन के दीदार करने हेतु सड़क से नीचे राजपुरा टाउन में बुला लिए गए।

ऑफर ही इतना लयुक्रेटिव था कि बायपास करने का मूड़वा नही बना। सरदार गुरदेव सिंह जी उर्फ जानी जीराकपुरिया जी को डॉक्टर ने फाइबर रिच भोजन की सलाह दी।

आजकल के भोजन में फाइबर होता ही कहाँ है, सरदार जी अपने परंपरागत ज्ञान वाले मॉड में लॉग इन हो गए और स्मृतियों में से कुछ पुरानी फाइल्स डाउनलोड की।

प्लान बना के फाइबर रिच सौदे के कम मीठे वाले लड्डू बनाये जाएं। एक एक करके लिस्ट बनाई गई जिसका वेरवा इस प्रकार से है:

  1. चोकर
  2. अलसी
  3. गुड़
  4. तिल (काले सफेद दोनों)
  5. नारियल का बुरादा
  6. सौंफ

घर की किचन में खड़दू करने को गृह मंत्रालय से परमिशन न मिलने के बावजूद भी इनोवेटिव सरदार जी के हौंसले पस्त नही हुए।

सरदार जी ने थोड़ी दौड़भाग करके एक वेहले हलवाई को पटा लिया और फिर उसके सर पर चढ़ कर बैठ गए।

हलवाई ने सरदार जी के इंस्ट्रुक्शन्स को फॉलो करते करते जोरदार प्रोग्राम कर दिया। गृह मंत्रालय जो नाराज़ हो रहा था वो लड्डू देख कर उतना ही प्रसन्न हो गया।

हमने भी पानी पीने से पहले सीधे तीन तीन लड्डू अंदर कर लिए ताकि घर ले जाने का रौला न रहे।

सरदार जी ने वापिसी आते समय मुझे और अमित भाई को साथ बांध कर भी दे दिए।

लडडू कमाल हैं और बेहद इन्नोवेटिव है, इसकी रेसिपी जल्द ही सरदार गुरदेव सिंह सैनी जी जल्द ही शेयर करेंगे।

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