प्राकृतिक खेती के प्रवर्तक डॉ हरिओम

फोटो में जिन श्वेतधवल वस्त्रधारी सात्विक ऊर्जा पुंजों के दर्शन कर पा रहे हैं उनके सांसारिक नाम डॉ हरिओम और माता बिमलेश जी है। डॉ हरिओम जी से मेरा परिचय साल 2007 से है लेकिन मेरी कभी उनसे बातचीत नहीं हुई कल ही पहली बार मुझे डॉ साहब का सानिध्य प्राप्त हुआ और मुझे इनकी वैचारिक गहराई और राष्ट्र निर्माण में किये जा रहे कार्यों से परिचय हुआ। मुझे सदा से से ही इस बात का एहसास रहा है कि डॉ साहब का कृषि सेक्टर में किसान हित में मूल शोध पर जोर रहा है। हालात अनुकूल हों या प्रतिकूल …

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बोतलबंद पानी बनाने वाले प्रतिष्ठित ब्रांड ने अपनी गलती सुधारी

महाबली प्रोफेसर सम्राट घोष जी मेरे परम मित्र हैं और वर्तमान में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली में सेवारत हैं। बिना धुयें के ग्रीन पटाखे बनाने का महान आविष्कार भी इन्होंने किया है। जो साथी मेरे साथ फेसबुक में जुड़े हैं वो जानते हैं कि पिछले साल डिसेंबर में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित हुए नेशनल इनोवेशन फेस्टिवल में हमने जी भर के ग्रीन पटाखे बजाए थे। वो वीडियो आप यहाँ देख सकते हैं और मजा लूट सकते हैंhttps://m.facebook.com/story.phpstory_fbid=664122671923432&id=720939756&mibextid=2JQ9oc आज खबर थोड़ी अलग है प्रोफेसर सम्राट घोष जी का ध्यान एक प्रतिष्ठित कंपनी जो पानी की …

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किचेन से क्रान्ति करने वाली हंसालिम कंज्यूमर कोआपरेटिव की कहानी

हमारे देश में औद्योगिक नीतियों के चलते जो उथलपुल हुई है उसमें से एक है देश की खेती किसानी का जहरीली होकर अस्थिर हो जाना जिसकी वजह से कृषि और पशुधन जो हमारा बेस था वो अब तेजी से उखाड़ने लगा है और किसानों और देश के उपभोक्ताओं के बीच में औद्योगिक प्लांट में बने फ़ूड ने अब पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। साल 1997 से 2000 के बीच में जब मैं हरियाणा कृषि विश्वविधालय में फ़ूड टेक्नोलॉजी का छात्र था और इस विषय को पढ़ रहा था तभी मेरे मन में खुड़का हो गया था कि यह आधुनिक …

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समस्या में से समाधान खोजने वाले सरदार राजेंद्र सिंघ जी इंदौर वाले

महाबली सरदार राजेंद्र सिंघ जी इंदौर के आउट स्कर्ट्स में एक पिंड में रहते हैं और केंद्र सरकार की नौकरी से स्वेच्छा से सेवानिवृति लेकर अब अपने फ़ार्म पर परिवार के साथ रहते हैं।सारा दिन देश भलाई जीव दया और जैविक कृषि और अहिंसक गौपालन पर शोध करते हैं काम करते हैं बातचीत करते हैं और देशभर में अच्छा काम करने वालों का उत्साहवर्धन करते हैं। आज सुबह मेरे पास सरदार जी का फोन आया और उन्होंने कहा कि भाईचारा ब्राडकास्टिंग लिस्ट एक अच्छा प्रयोग और मैं समस्त भाईचारे को अपने कुछ अनुभव बताना चाहता हूँ। कुछ महीने पहले की …

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एग्रीमार्केटिंग के चैलेंजस और संभावनाएं

आज सुबह सुबह डॉ देवेन्द्र शर्मा जी से फोनपर बात हुई और उन्होंने बताया कि वे रांची में हैं और एक बड़ी गोष्ठी में अपनी बात रखने आये हैं और साथ ही में टमाटर से करोड़पति बने किसान के बारे में भी चर्चा हुई । आज दोपहर होते होते खबर डेवेलोप होने लगी है कि हिमाचल कि बल्ह घाटी में सौ से ज्यादा ऐसे किसान हैं जो इस सीजन में टमाटर बेच कर करोडपति हुए हैं और इस साल उनका टमाटर का एक क्रेट जो पहले 200 रुपये का बड़ी मुश्किल से बिकता था इसबार 2600 रुपये तक बिका है …

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लाला हरदेव सहाय की पुस्तक गाय ही क्यों आज भी है प्रासंगिक और 19 जुलाई 2023 को दिल्ली में पुन:प्रकाशन का होगा लोकार्पण

एक लाला राजकुमार अग्रवाल जी हैं जो जींद में रहते हैं मेरी उनसे कभी आमने सामने मुलाकात नहीं हुई हैं लेकिन मैं उनसे स्वर्गीय लाला हरदेव सहाय जी के माध्यम से जुड़ा हूँ। आप में से ज्यादातर लोगों ने कभी लाला हरदेव सहाय जी का नाम नहीं सुना होगा साल 2021 के तीन अगस्त तक मैंने भी कभीं नहीं सुना था और अचानक एक दिन मेरा दफ्तर के काम से जिला हिसार के पिंड छोटी सातरोड जाना हुआ। वहां रहते हैं हरियाणवी लोक संस्कृति के उभरते हुए सितारे भाई विकास सातरोड़ जी और मैं सीधे उन्हीं के पास पहुंचा तो …

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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सही मशीने कैसी होनी चाहियें 

किसान सुरेंद्र सिहाग जी जागृत कृषि ऋषि हैं और इनका पिंड ढींगावाली है जो पंजाब के अबोहर टाउन से लगभग 28 किलोमीटर दूर है। अपने परिवार की कुल लगभग 115 एकड़ भूमि पर सन 1992 से जैविक खेती के प्रयोगों को चरणबद्ध तरीके से करते आये हैं। जो भी लोग इन्हें जानते हैं वो इनके व्यवहार और इनोवेटिव सोच के चलते इनके प्रति श्रद्धा का भाव रखते हैं।कृषि नीतियों पर इनका बड़ा शोध रहता है आज सुबह इन्होंने अपना बहुमूल्य समय लगा कर मुझे एक नोट भेजा जिसने मेरी आँखें खोली और मेरा हृदय परिवर्तन भी हुआ। किसान सुरेंद्र सिहाग …

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सीड जर्मिनेशन टेस्ट का सांस्कृतिक रूप है हरेला पर्व

साल 2001 से 2004 तक मेरी पोस्टिंग उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में रही जहाँ मेरा काम आम जन द्वारा किये जा रहे आविष्कारों और परम्परागत ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ उदहारणों को ढूंढ कर उन्हें सीख कर उनका अभिलेखन करना था और भारत सरकार के विभाग नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को भेजना था। मैंने कुमाऊं क्षेत्र के कोने कोने में अनेकों यात्रएं की वहां लोगों के घरों में रहा और उनके रहन सहन खान पान कृषि पशुपालन और संस्कृति विषय पर अनगिनत चर्चाएं की और इन्हीं सब के बीच में अनेकों बार जिक्र आया हरेला का हरेला एक पर्व है जो साल में …

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ग्रीनहाउस गैसेस के नाम पर काटी जा रही हैं खेती किसानी के जड़ें

खबर आयरलैंड से डेवेलोप हो रही हैं जहाँ किसान सड़कों पर अपने ट्रैक्टर्स आदि लेकर आये हैं और आयरिश सरकार के एक फरमान का विरोध जता रहे हैं जिसके तहत ग्रीनहाउस गैसेस का हवाला देकर दो लाख दूध देने वाली गायों का कत्ल  किया जाना है और वहां कि व्यवस्था किसानों से जबरदस्ती उनकी दुधारू गायें लेकर उन्हें कत्ल करने की योजना पर काम कर रही है भारत में किसानी मामलों के जानकार और किसानों की आवाज डॉ देवन्द्र शर्मा जी ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से लिखा है कि हम किसानों के खिलाफ व्यवस्था द्वारा चलाये जा रहे …

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राजपाल माखनी और जीवन शैली के सीक्रेटस

इस जगत में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली यदि कोई चीज है तो वो है हमारा शरीर लेकिन मैं खुद ही इसका ध्यान नहीं रख पाया हूँ इस बात कि समझ मुझे सरदार राजपाल माखनी जी का अनुभव सुनकर ज्यादा बेहतर तरीके से आई है नाभा पटियाला निवासी सरदार राजपाल माखनी साहब ने अपनी टिपिकल मोस्ट कॉमन जीवन शैली के चलते एकसमय अपने शरीर को इतना खराब कर लिया था कि डॉक्टर्स नें उनकी एक आँख और आधे शरीर को  ऑलमोस्ट डेड घोषित कर दिया था राजपाल माखनी जी एक सुलझी समझ के जीव हैं और जो सवाल उनके आगे …

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