जहर में डूबते पंजाब को उबारने में लगे बाबा उमेन्द्र दत्त

ये बाबा Umendra Dutt जी हैं जो जैतो पंजाब में रहते हैं। पंजाब जैसे जहर मे चौबीस घंटे डूबे प्रदेश को साल 2005 से बाहर उबारने में जुटे हैं। इनका किया हुआ काम पंजाब में नज़र आता है। मुझे कोई साल भर में एक आध बार इनसे रूबरू होने का मौका मिल ही जाता है। दिन भर ये भी मेरी तरह खूब कीबोर्ड पीटते हैं।शाम को ये लैपटॉप को उसकी जगह से उठा कर नई पोजिशन में सेट कर लेते हैं और पीठ सीधी करते करते अपनके काम करने लगते हैं।यहां पर कोई कृपया ज्ञान न दे, ये संतों की …

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साफ़ समझ का समाज

कैथल क्षेत्र के गांवों में किसान खेतों में कूप आदि निर्माण करते हैं और उसके ऊपर घिया तौरी कद्दू पेठा की बेलें चढ़ा देते हैं। कल ऐसे ही एक कूप के ऊपर चढ़ कर मैंने भी घिया का निरीक्षण किया था। उसी फोटो को देख कर एक सूझवान मित्र का सुझाव आया था कि बेल में वेजिटेटिव ग्रोथ अधिक है इसमें प्रूनिंग की जाए तो ज्यादा उत्पादन मिलेगा। ज्यादा उत्पादन सुनकर मुझे भी जोश आया कि शाम को सूझवान मित्र से बुजुर्ग किसान भाग सिंह जी का वार्तालाप करवाऊंगा। शाम को वापिसी लौटते समय जब भागसिंह जी की बैठक में …

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भारत की इस्लामी फतह : विल ड्यूरन्ट

यह लेख, विल ड्यूराण्ट के The Muslim Conquest of India का गूगल ट्रांसलेशन है, केवल व्याकरण की भूलें सुधारी हैं। विल ड्यूराण्ट अमेरिकन इतिहास लेखक थे, आप उनके बारे में गूगल पर Will Durant सर्च कर के अधिक जानकारी ले सकते हैं। उनके ग्रंथ नेट पर मिल जाएँगे, A Case For India भी उपलब्ध है। लेख लंबा है, लेकिन अवश्य पढ़ें। अनवाद करने का कष्ट इसलिए किया है क्योंकि इंग्लिश कम लोग पढ़ पाते हैं । अत: इसे अवश्य पढ़ें और मित्रों तक भी पहुंचाएँ। आज जो इन लोगों को अपने पूर्वज मानना चाहते हैं उनकी मानसिकता का विश्लेषण अन्य …

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फ़ूड फ़ॉर थॉटस वर्टिकल फार्मिंग

वर्टिकल फार्मिंग आज कोई नया सब्जेक्ट बेशक़ होगा लेकिन हरियाणा पंजाब के देहातों में ये आदिकाल से होती आई है। जो बात सबसे बेहतर है वो यह है कि तकनीक के किसी एक पक्ष को इतना हावी नही किया जाता है कि वो त्रास बन जाये। तकनीक को साधारण सरल और सुघड़ रखना किसानों को बखूबी आता था लेकिन ज्ञान से विमुख करने वाले विज्ञान ने जब से प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज का बफ़े समाज मे प्रस्तुत किया है सब सिस्टम गोलमाल सा हो गया है। चार बार गुल्ली डंडे की स्प्रे करने के बाद भी किसान कहता है कि गुल्ली …

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बाजरा एक बहुमूल्य अनाज

बाजारा ,सांवा,सामा,कोदो , रागी, जौ, कुटकी ,कांगनी ये सब भारत में उत्पादित होने वाले मोटे अनाजों के नाम हैं।हममें से ज्यादातर लोगों ने इन अनाजों का नाम तक नहीं सुना होगा। आपको हैरान की होगी की ये बहुमूल्य अनाज पिछले 6500 सालों से हम भारतीयों का मुख्य आहार हुआ करता था। इससे बने चावल, खिचड़ी हलवा, लड्डू, सत्तू, भुंजा, चूड़ा इत्यादि व्यंजन हमारे पसंदीदा आहार हुआ करते थे। हरित क्रांति के बाद हमारी डाइट सिर्फ चावल और गेहूं तक सिमट के रह गई और हम सबने इन बहुमूल्य अनाजों का दरकिनार कर दिया हैं। आज जब हमारी आबादी का ज्यादातर …

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नीरजा भनोट अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति,

नीरजा भनोट मात्र 23 वर्ष की उम्र मे दुर्दांत #मुस्लिम आतंकियों से भिड़कर अपनी जान देकर 350 से अधिक लोगों की जान बचाने वाली वीरांगना #नीरजा भनोट की #पुन्यतिथि पर #कोटि #कोटि #नमन।नीरजा को भारत का वीरता का #सर्वोच्च #नागरिक #सम्मान #अशोकचक्र, पकिस्तान का #तमगा-ए-इंसानियत और अमेरिका का #जस्टिसफॉरक्राइम अवार्ड मिला और पूरे विश्व में इनको हाइजैक गर्ल के नाम से जाना जाता है। 5 सितम्बर 1986 को भारत की एक विरांगना जिसने इस्लामिक आतंकियों से लगभग 350 यात्रियों को जान बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत के कितने नवयुवक और नवयुवतियां उसका नाम जानते है। कैटरिना कैफ, …

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ताश के पत्ते और हमारा सनातन विज्ञान

हम ताश खेलते है, अपना मनोरंजन करते है। ताश का खेल हर जगह खेला जाता है। पर शायद कुछ ही लोग जानते होंगे कि ताश आधार वैज्ञानिक है, व साथ साथ ही प्राकृति से भी जुड़ा हुआ है: आयताकार मोंटे कागज़ से बने पत्ते चार प्रकार के ईंट, पान, चिड़ी, और हुक्म, प्रत्येक 13 पत्तों को मिलाकर कुल 52 पत्ते होते हैं। क्रमांक गुण व्याख्या 1. पत्ते एक्का से दस्सा, गुलाम, रानी एवं राजा 2. 52 पत्ते 52 सप्ताह 3. 4 प्रकार के पत्ते 4 ऋतु 4. प्रत्येक रंग के 13 पत्ते प्रत्येक ऋतु में 13 सप्ताह 5. सभी पत्तों …

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बद्री नारायण शर्मा की कहानी

26 मार्च 1950 गांव देईदासपुरा तहसील सूरतगढ़ जिला श्री गंगानगर राजस्थान जन्म होने के बाद मेरी भारत यात्रा जो 28 अगस्त 1998 से 8 अक्टूबर 1998 तक कुल 42 दिन की थी ने मेरी जिन्दगी को बदल बदल कर रख दिया। इस अभावग्रस्त इलाके में जन्म लेकर जहां पीने को पानी नहीं यातायात का कोई साधन नहीं शिक्षा सिर्फ चौथी पांचवीं तक के स्कूल सिंचाई का कोई साधन नहीं, बिजली सड़क, कुछ नहीं आमदनी का जरिया सिर्फ पशुपालन बारानी खेती ग्वार मोठ बाजरी हाङी में चना वो भी 1970 में शुरूआत लेकिन परिस्थितियों ने मुझे मजबूत बनाया धीरे-धीरे सर्व प्रथम …

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कपूरासव एक शानदार औषधि इसे कैसे बनाएं

पुराने ग्राम वैद्यों की अचूक घरेलू औषधि थी कपूरासव। पैटेंट कानून ओर आबकारी कानूनों की भेट चढ़ गई यह अति उत्तम देसी औषधि जो कि पेट दर्द, हैजा, उबाक,जी मिचलाना,गैस अफारा,बदहजमी आदि दर्जनों पेट रोगों की एक शानदार हानिरहित,सरल,सस्ती, उपयोगी कारगर दमदार औषधि है । आजकल इसके विकल्प में अमृतधरा प्रयोग होती है। अमृतधारा भी काफी उपयोगी है अगर असली मिल जाए तो। बनाने की विधि बढ़िया देशी शराब 1 लीटर और असली कपूर 70 से 75 ग्राम, अजवाइन, सौंठ, काली मिर्च, लौंग, इलायची व नागर मोथा घास की सुखाई हुए जड़ सभी 10 -10 ग्राम । सभी 6 औषधियों …

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नास की जड़ फ्री रैडिकल्स और उनका तोड़

फ्री रैडिकल्स और ऐंटीऑक्सीडैंट्स ऑक्सीजन एक ऐसी चीज है जिसके बिना जीवन की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। विडम्बना है कि यही ऑक्सीजन कुछ विशेष परिस्थितियों में हमारे शरीर को बहुत अधिक क्षति भी पँहुचा सकता है, इतनी कि कुछ वैज्ञानिक इसे कर्करोग या वृद्धावस्था लाने के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार ठहराते हैं। फ्री रैडिकल्स या रिऐक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज (आरओएस) की जानकारी डाक्टरी हलके के बाहर शायद कम को हो किन्तु उन के काट “ऐंटीऑक्सीडैंट्स” के नाम सबों ने सुन रखे होंगे. शायद यह भी सुना हो कि ये ऐंटीऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर से फ्री रैडिकल्स को हटाते हैं, …

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