
ये बाबा Umendra Dutt जी हैं जो जैतो पंजाब में रहते हैं। पंजाब जैसे जहर मे चौबीस घंटे डूबे प्रदेश को साल 2005 से बाहर उबारने में जुटे हैं। इनका किया हुआ काम पंजाब में नज़र आता है। मुझे कोई साल भर में एक आध बार इनसे रूबरू होने का मौका मिल ही जाता है।
दिन भर ये भी मेरी तरह खूब कीबोर्ड पीटते हैं।शाम को ये लैपटॉप को उसकी जगह से उठा कर नई पोजिशन में सेट कर लेते हैं और पीठ सीधी करते करते अपनके काम करने लगते हैं।यहां पर कोई कृपया ज्ञान न दे, ये संतों की मौज है और संत जो सेवा कर रहे हैं वो भी दिन रात जुटे हैं सांसारिक मानव कल्याण की गतिविधियों में।
कल रात बाबा जी मेरे बोले के मैं फेल हो गया। तब मैने कहा बाबा जी आप जो करने आये थे उसमे तो आप शत प्रतिशत कामयाब रहे हैं, रही संस्था चलाने में कामयाब होने की बात उसमे तो आप एवरेज ही रहेंगे क्योंकि यहां दक्षता हासिल करने में। जोर लगा दिया तो संस्था दुकान बन जाएगी और मिशन डूब जाएगा।
पंजाब जैसे राज्य को नई राह दिखाने वाले बाबा उमेन्द्र दत्त जी घोर मेहनत करते हैं।सबके बारे में सबकी सब तरह की राय हो सकती है इस बाबत मेरी राय यही कहती है कि यदि इस दुनिया मे हम ज्यादा एक दूसरे में न घुसें और मर्यादा में रह कर एक दूसरे की मदद के भाव से जीवन जियें तो हम सभी जीवन मे एकदूसरे को कामयाब कर सकते हैं। बाबा उमेन्द्र दत्त जी जीवन मे नया गियर लगाने की तड़प में दिखाई दे रहे हैं इनका ये नया रूप पंजाब ने उम्मीद और रौशनी की नई सुबह लेकर जल्द ही आएगा।