प्रेम माहिया

हकीकत नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड हनुमानगढ़ की प्रथम वार्षिक बैठक आज दिनांक 13 सितम्बर 2021 को आयोजित की गयी जो बेहद कामयाब रही। लगभग एक साल के अंतराल से मिले सभी सदस्यों में संस्था की उन्नति को लेकर बेहद उत्साह रहा है
इस चुनौतीपूर्ण समय में इस किसान कम्पनी से जुड़े सभी किसान सदस्यों ने अच्छी तरक्की की है और किसान कम्पनी को उपभोक्ताओं का साथ और विश्वास भी मिला है, नये उत्पादक भी किसान कम्पनी से जुड़े हैं।
आज हुई प्रथम वार्षिक आम बैठक में किसान कम्पनी का वार्षिक लेखा जोखा पेश किया गया और हकीकत नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड के परिचालन संबंधी मसलों पर चर्चा की गई। सदस्यों द्वारा इस दौरान संस्था द्वारा खरीदी गई कोल्हू घाणी, दाल मशीन, आटा मशीन, कोल्ड प्रेस तेल मशीन के माध्यम से तैयार हो रहे उत्पादों का अवलोकन किया गया।
सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा कम्पनी के लिए नये उत्पाद और नई संभावनाएं और नई क्षमता विकसित करने पर विचार विमर्श किया गया। जैसे कि हकीकत नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड द्वारा केमिकल रेजिड्यू टेस्ट मशीन, वैक्यूम पैकेजिंग फैसिलिटी और भी कई तरह की लोकल फार्म प्रोडक्टस के लिए प्रोसेसिंग फैसिलिटी उपलब्ध करवाना।
बैठक में श्री गोपी जी सिराव, मनोहर जी शेखावत, गुरमेल सिंह जी, बृजमोहन जी भादू, मदन जी ज्याणी, भगवान सिंह जी खुड़ी, भागीरथ जी बेनीवाल, राकेश जी गोदारा, मांगेराम जी नेहरा, भागीरथ जी मटोरिया, प्रवीण जी गोदारा, प्रेम जी महिया, सर्वजीत जी, सुशील जी भाकर, नरेश जी बेनीवाल और गोरा सिंह जी शामिल हुए।

इस किसान कम्पनी का इतिहास
हकीकत यानि हमारा अपना कुदरती खेती संस्थान जिसे ओम प्रकाश मांझू जी ने सपने से हकीकत में बदला था । हकीकत संस्था की शुरुआत ओम प्रकाश जी ने अपने सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद की थी । संस्था शुरू करने के पीछे जो सोच थी वो यह कि जैविक किसान अपने उत्पादों को लेकर इधर उधर भटकते रहते हैं और ज्यादतर किसान हताश होकर घर बैठ जाते हैं ।
ओम प्रकाश जी यदि चाहते हो अपने रिटायरमेंट बेनेफिट्स को आराम से घर में बैठ कर एन्जॉय करते लेकिन इस किसानपुत्र ने तो जैसे सब कुछ पहले से ही प्लान किया हुआ था । हनुमानगढ़ और आसपास के इलाके के किसानों को संगठित करके कुदरती खेती की ओर सभी मोड़ना शुरू किया और लाइक माइंडेड किसानों ने मिलकर हकीकत संस्था की नींव रख दी ।
हनुमानगढ़ की अनाजमंडी में एक दूकान लेकर वहां रिटेल स्टोर खोला गया और एक दूकान का एक FSSAI नम्बर , एक जी.एस.टी और सिंगल बिलिंग सिस्टम लेकिन बैकएंड में बहुत सारे किसानों की सप्लाई ।
मेरी मुलाकात हरियासर के किसान विजय भाई गोदारा जी से भी मिला था जिनका खेत हनुमानगढ़ से तीन घंटे की दूरी पर स्थित है लेकिन हर रोज दोपहर को 1 बजे फार्म गेट पर एक बस रूकती है जिसमें वो ताज़ी सब्जियां रख देते हैं और वो बस चार बजे हनुमानगढ़ में हकीकत स्टोर पर सब्जियां छोड़ देती है जहाँ ग्राहक पहले से ही इंतज़ार में होते हैं कि कहीं हम मिस ना हो जाएँ ।
ओम प्रकाश जी ने अपने अनुभव से जो व्यवस्था बनाई है उसने मेरे मन पर बहुत गहरा असर किया है | मैंने हकीकत मॉडल को समझने के लिए इसके सदस्य किसानों से कई दौर बातचीत की और हमेशा मैंने सभी सदस्यों की कार्य प्रणाली में ओम प्रकाश जी की दक्ष कार्ययोजना को महसूस किया है
20 अप्रैल 2021 का वो दिन भी आया जब मुझे खबर मिली की हकीकत नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन हो चुका है | ओम प्रकाश जी की दूरदर्शिता और किसान हित में सोचने की वजह से ही यह सब संभव हो पाया कि जैविक किसानों का एक समूह जो संगठित होकर एक बीज से विशाल वटवृक्ष की यात्रा शुरू करेगा20 अप्रैल 2021 का वो दिन भी आया जब मुझे खबर मिली की हकीकत नेचुरल फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी का गठन हो चुका है | ओम प्रकाश जी की दूरदर्शिता और किसान हित में सोचने की वजह से ही यह सब संभव हो पाया कि जैविक किसानों का एक समूह जो संगठित होकर एक बीज से विशाल वटवृक्ष की यात्रा शुरू करेगा ।
लेकिन 15 मई को यह कैसा दिन तय किया नियति ने जब पूरी टीम को उसका कप्तान छोड़ कर आगे बढ़ गया ओम प्रकाश जी जैसे व्यक्तित्व अत्यंत विरले हैं जो अपने अध्यन , अनुभव और संसाधनों का उपयोग समाज को ठीक दिशा देने में लगाते हैं मैं तो ओम प्रकाश जी के अलावा ऐसे किसी दूसरे व्यक्ति से परिचित नहीं हूँ जिसने अपनी रिटायर्ड लाइफ को ऐसे सार्थक किया हो।

उनकी आखिरी फेसबुक पोस्ट अच्छाई की मार्केटिंग टाइटल से यह बताने के लिए काफी है कि परमात्मा का यह बन्दा क्या और कैसे सोचता था एक कहावत है ना कि कढाई का एक एक चावल इस बात का गवाह होता है कि भात कैसा बना है | ओम प्रकाश जी का व्यक्तित्व एक खुशबू से लबरेज था जिसका एहसास मुझे आज भी है और ताउम्र रहेगा उनकी याद हमेशा आएगी।
काबिल कप्तान की टीम ने वायदा निभाया है
काबिल कप्तान की टीम ने इस नवसृजित किसान कम्पनी को चला कर यह साबित कर दिया है कि कप्तान ने जो मेहनत कराई थी वो सच्ची थी, सार्थक थी और निष्काम थी। ओम प्रकाश मांझू जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन कभी खत्म नही होगा क्यूंकि उनकी भावना और विचार आज भी उनकी टीम के दिलों में ज़िंदा हैं और पूरे धडकते हैं।